5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT HANUMAN CHALISHA EXPLAINED

5 Simple Statements About Hanuman chalisha Explained

5 Simple Statements About Hanuman chalisha Explained

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भावार्थ – आप सारी विद्याओं से सम्पन्न, गुणवान् और अत्यन्त चतुर हैं। आप भगवान् click here श्री राम का कार्य (संसार के कल्याण का कार्य) पूर्ण करनेके लिये तत्पर (उत्सुक) रहते हैं।

बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार॥

चिन्टू सेवक द्वारा गाया हनुमान चालीसा

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।

राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।

आधुनिक दुनिया में हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा ।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 

भावार्थ– आप साधु–संत की रक्षा करने वाले हैं, राक्षसों का संहार करने वाले हैं और श्री राम जी के अति प्रिय हैं।

श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥

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